प्यार जताया करो थोड़ा अभी मेरे होते हुए, कहाँ वक़्त लगेगा वर्ना प्यार भरा दिल खोते हुए। तन पे मरहम लगा लोगे पर दिल का क्या उपाए, चार दीवारी में क़ैद करोगे ख़ुद को रोते हुए। ज़िन्दगी से थोड़ी कम बेरहम यारा ये मौत है, एक ही बार जाँ लेती है तरस हालत पे खाते हुए। क्यों परछाई बनने तक का इंतज़ार करते रहना, छूकर एहसास करलो चुनिंदा लम्हों को पिरोते हुए। देदो ज़िन्दगी अपनी तोहफ़े में ऐ पत्थर दिल, छिल जाएगा बदन तन्हा सफ़र का बोझ ढ़ोते हुए।— % & ♥️ Challenge-911 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।