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प्रश्नचिन्ह एक उपन्यास वास्तविक जीवन की पीड़ा संघर

प्रश्नचिन्ह
एक उपन्यास
वास्तविक जीवन की
पीड़ा संघर्ष की कहानी
....अब आगे...
पृष्ठ ३ Dr. Naren ने आनंद के कांधे पर हाथ रख कर मौन से साहस देने का प्रयत्न किया और बोले
*आनंद, सर्जरी के बाद भाभी के दो वर्ष तो बिना किसी बाधा के निकल गए, शायद सब भूल भी गए होंगे की भाभी को ऐसे भयानक तकलीफ़ भी है।*
जी
 *...dr. Ashok ने क्या कहा है?*
कहने को तो 6_7 महीने बोला है....
*मगर आंनद तुम्हें तो अंदाज़ा था ही न की ऐसा सब होने वाला है...*
अंदाज़ा ही नहीं पूरा विश्वास था की यही सब होगा।
*हम्म...आनंद असल में ये तुम्हारी भी कठिन परीक्षा है, तुम्हें सब सहना है...करना है सब व्यवस्थित रखना है।*
प्रश्नचिन्ह
एक उपन्यास
वास्तविक जीवन की
पीड़ा संघर्ष की कहानी
....अब आगे...
पृष्ठ ३ Dr. Naren ने आनंद के कांधे पर हाथ रख कर मौन से साहस देने का प्रयत्न किया और बोले
*आनंद, सर्जरी के बाद भाभी के दो वर्ष तो बिना किसी बाधा के निकल गए, शायद सब भूल भी गए होंगे की भाभी को ऐसे भयानक तकलीफ़ भी है।*
जी
 *...dr. Ashok ने क्या कहा है?*
कहने को तो 6_7 महीने बोला है....
*मगर आंनद तुम्हें तो अंदाज़ा था ही न की ऐसा सब होने वाला है...*
अंदाज़ा ही नहीं पूरा विश्वास था की यही सब होगा।
*हम्म...आनंद असल में ये तुम्हारी भी कठिन परीक्षा है, तुम्हें सब सहना है...करना है सब व्यवस्थित रखना है।*