तूफान से बचने को हम जिन चार दिवारी को घर समझ बैठे थे, भला हो आपका जो बता दिया के हम पहले नही और भी मुसाफिर आते गये हैं "ना जाने क्या छूट रहा है, दिल में बस कुछ टूट रहा है।" #life #liferules #iamgettingfull #somethingmissing #oldmemories