ये दिन तो कमबख्त जैसे तैसे गुजर जाता है। रात होते ही अंदर का शायर उभर आता है। मैं बेवफाओं पर कुछ लिखूं ये तो हुनर है मेरा। मेरे हाथों में कलम देख तेरा चेहरा क्यों उतर जाता है। #bewafashayari #bewafai #bewafa #bewafaishq #zaheenshayri #zaheenquotes #drzaheen #zaheen