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प्रेम में आज भी एक ही बाधा है रास रचते कृष्ण तड़पत

प्रेम में आज भी एक ही बाधा है
रास रचते कृष्ण तड़पती राधा है।
आत्मा की लालसा जिस्म पर आ रुकी
कलयुग के प्रेम का अर्थ मानो आधा है।

©शून्य प्रेम

#Love #Meaning #Truth #Poetry #Nojoto #Hindi
प्रेम में आज भी एक ही बाधा है
रास रचते कृष्ण तड़पती राधा है।
आत्मा की लालसा जिस्म पर आ रुकी
कलयुग के प्रेम का अर्थ मानो आधा है।

©शून्य प्रेम

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