में हर गम भूल जाते है, अपने सपनो का पिटारा , बस उनके सामने ही तो खोल पाते है, उनकी छाव में हम हर गम भूल जाते है, उनकी छाव में हम खुद को बड़ा ही महफूज पाते है, हर बुरा साया हमसे दूर हो जाता है, जब तक पिता का छाव सिर पर हो तो, कहा कोई हमे बुरे नजर से देख पाता है, ये घर की वही डोर है, जो हमे हर पल सबके साथ बांधे रहते है। जो अपने सारे सोख भूल , बस हमारी खवाइएस पूरी करते हैं।। ❣️Happy father's Day ❣️ ♥️ Challenge-605 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ Happy Father's Day ♥️ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए।