लगता है मुझे वो भूल सा गया है सीने में कहीं एक सवाल बनके छुप सा गया है कैसे संभालूं ख़ुद को मैं और उसे भूल जाऊं लगता है मेरा ख़ुदा मुझसे रूठ सा गया है मेरे हाथों में जो तेरा हाथ था तेरे प्यार में पागल मैं नहीं शायद मेरा दिल था तेरे बिना जीना चाहती हूं मैं लेकिन कमबख्त आंखों को तन्हाई में रोना मंजूर नहीं था प्यार इश्क और मोहब्बत