नींद में कुछ बोल रहा था...नाम तुम्हारा होगा बादलों ने आसमां पे लिखा...नाम तुम्हारा होगा . गुल बहक रहे हैं....गुलशन चहक रहे हैं बहारों का गुज़र है...काम तुम्हारा होगा . वो उस कमरे की हर चीज महकती क्यूं है कितनी सुंदर हैं चूड़ियाँ..सामान तुम्हारा होगा . आम इन्सां है धीर..खुदा तक पहुँच नही है साथ चलो तो सफ़र...आसान तुम्हारा होगा . धीर...... नाम तुम्हारा