टूटे पत्ते, टूट कर बिखरे, जमीन पर पड़े पड़े,, मानो शाखाओ से कुछ कह रहे.. टूटा है छूटा है!, फिर भी अनुभव अनूठा है!..... यदि जीवो का आहार बना...... जीवन सफल हो जाना है!!...... यदि बचा रहा जीवो से तबपर भी मिट कर इसी धरा में मिल जाना है!! मिल गया धरा में जो "मैं" "उर्वरक" बन फिर तुझ में समा जाना है!. आहार बन तुझे हराभरा कर जाना है!! हे! "वृक्ष" हरहाल में समर्पित जीवन मेरा!!.. रहूं शाखाओ से जुड़ा या जुदा.!! #yqdidi #yqbaba #हिंदी_साहित्य #हिंदीसाहित्य #हिंदी_काव्य_कोश #श्रीsnsa