हो हकिकत लेकिन मुझे लगता है कहीं तुम मेरा ख्वाब मेंरी कल्पना तो नहीं सारे फिके नजारे लगते है अब रंगीन कहीं तेरा रंगों का कारोबार तो नहीं सिर्फ एक बिंदी से ही संवरने लगी हूं दुपट्टा भी अब बड़ी हिफाजत से रखने लगी हूं खुद ही को आईने में देख आंखो में निरन्तर डगमगाहट सी होने लगी है कहीं ये इश्क तो नहीं। #Richa# ♥️ #notojowriters#gazal#shayari#poetrycominity#notojoapp#writersofinstagram#yourqouts#stories