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धोखे धोखे का मुजस्समा हर पल, हम सभी के बीच ही पलत

धोखे धोखे का मुजस्समा हर पल, 
हम सभी के बीच ही पलता है।

फ़िक्र तो तब होती है, यारों!
जब किसी अपनें को कोई अपना ही छलता है।
-Rekha $harma #छ्ल
धोखे धोखे का मुजस्समा हर पल, 
हम सभी के बीच ही पलता है।

फ़िक्र तो तब होती है, यारों!
जब किसी अपनें को कोई अपना ही छलता है।
-Rekha $harma #छ्ल