मेरा लिखना आज मुझपर ही भारी पड़ गया, जैसे सूरज पे चांद भारी पड़ गया | अब कैसे समझाउ मैं खुदको, आज फिर से अपनों के ही बीच अकेला हो गया | #मेरा लिखना मुझपर ही भारी पड़ गया |