जिंदगी, तुम हो पानी में उठा एक बुदबुदा, आकाश में टिमटिमाता सितारा, पौध पर खिला एक फूल या अहसास का एक छींटा - भर जो चेतना की धूप पैदा होते ही सूख़ जाता है!! #जिंदगी #पुरानी डायरी के पन्नों से #10. 10.85