ये जो ज़िंदगी तुम अपने इत्ते रंग बिखेर रही हो, न जाने क्यों, पर मेरे अपने रंग को समेट रही हों... चाहा नहीं मैंने कोई दूजा रंग इश्क़ के सिवा, फिर भी न जाने क्यों, उसी रंग से परहेज़ सीखा रही हों..... माना तेरे हर रंग के सवाल जायज़ है इन बेरंग रास्तों पर, फिर भी न जाने क्यों, आंखों से निकले जवाबो को गलत बता रही हों.... ज़िंदगी एक दिन तेरी चुनर औढे रंग जाऊंगा तेरे ही रंग में, लेकिन फिर भी न जाने क्यों, इस सफ़ेद चुनर को तुम कफ़न बता रही हों... #sonusuman #nojotolife #nojotopoem #love