करीब हूँ तेरे मैं-------- आँखों में सपनो की तरह, पलकों में नींदों की तरह, दिपक में बाती की तरह, सफर में साथी की तरह, सागर में लहरों की तरह, हर दिन में पहरों की तरह, चाँद में चाँदनी की तरह, सूरज में रौशनी की तरह, फूलों में महक की तरह, चूड़ियों में खनक की तरह, मेंहदी में रंग की तरह, अपनों में संग की तरह, मन में यादों की तरह, दुआओं में फरियादों की तरह.... ©Riti sonkar Prem patra