तितली;कभी-कभी कुछ लोग कुछ लोग ही;लगाते हैं किसी बंजर सी जमीं पर-२ क्यारियों में फूलों की कतार और चुन लाते हैं-२ कुछ बीज जो बनेंगे पेड़ देंगे छांव उन फूलों को, अपने हाथों की उँगलियों से चुनते हैं हर पत्ते को; देते हैं पुचकार जिसे देख मिटटी को रश्क हो जाता है पुचकार से लगते हैं उसको अपने हिस्से बेकार से #part_2#my_life#titli#love#teddy_bear_day