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बस अपना ही गम देखा है। तूने कितना कम देखा है। उसक

बस अपना ही गम देखा है।
तूने कितना कम देखा है।

उसको भी गर रोते देखा
पत्‍थर को शबनम देखा है।

उन शाखों पर फल भी होंगे
जिनको तूने खम देखा है।

खुद को ही पहचान न पाया
जब अपना अल्‍बम देखा है।

हर मौसम बेमौसम जैसे
जाने क्‍या मौसम देखा है।
- Vigyan Vrat

©Internet Jockey
  vigyan vrat

vigyan vrat #शायरी

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