समझना है प्रेम का अर्थ तो उस चकोर से पूछो जो चांद के लिए टकटकी लगाए बैठता है उस परवाने से पूछो जो शमा के लिए खुद जल जाता है उस प्रभु से पूछो जो मित्र के लिए नंगे पांव दौड़ के बाहर आ जाता है उस जानवर से पूछो जो मालिक के ना रहने पर भी उसके लिए आंसू बहाता है कैसे समझाऊं मैं "सतिंदर" मैं प्रेम का अर्थ किसी को मुझे तो प्रेम का "प" भी नहीं आता है। ©Satinder #love #life #beautifulday #Poetry #flowers #PremKiParibhasha