यु ना खेलो मेरे दिल से ए दोस्त के नाजुक है यह कांच से भी ज्यादा कहीं टूटा तो टुकड़ों में बिखर जाएगा जोड न सकोगे फिर कितना भी भी बुलंद हो तुम्हारा इरादा khel khel me