Nojoto: Largest Storytelling Platform

"मजरूह सुल्तानपुरी" कोई हम-दम न रहा कोई सहारा न

"मजरूह सुल्तानपुरी"


कोई हम-दम न रहा कोई सहारा न रहा 

हम किसी के न रहे कोई हमारा न रहा 

शाम तन्हाई की है आएगी मंज़िल कैसे 

जो मुझे राह दिखा दे वही तारा न रहा 

ऐ नज़ारो न हँसो मिल न सकूँगा तुम से 

तुम मिरे हो न सके मैं भी तुम्हारा न रहा 

क्या बताऊँ मैं कहाँ यूँही चला जाता हूँ 

जो मुझे फिर से बुला ले वो इशारा न रहा









.

©@thewriterVDS
  #सहारा #हमारा #तन्हाई #मंजिल #राह #तारा #नजारा #इशारा
#MajroohSultanpuri 
#yaadein