मोहब्बत में किया वादा तोड़ना अच्छा नहीं लगता, मौसम का यूँ अचानक बरसना अच्छा नहीं लगता; बागों में फ़ूलों का मुरझाना इस अनजानी ग़लती से अच्छा नहीं लगता, देखें हमने कई सीतम देखे मगर यूँ तेरा बार-बार रूठना अच्छा नहीं लगता; छोटी-छोटी बातों पर यूँ खिलखिलाती मुस्कान खोकर तुम्हारा रोना अच्छा नहीं लगता; अब तो रूठना छोड़कर मुस्करा भी दो साहिबान क्योंकि एक दिलकश गुलाब का मुरझाना ईश्क की बगिया को अच्छा नहीं लगता । आदित्य कुंवर #shayari #love #hindi #urdu