वक्त ठोकरें देता रहा, मैं पाठ की तरह पढ़ता गया हर एक ठोकर की सीख ,सीढ़ी समझ चढ़ता गया। वक्त भी पाबंद था बहुत , अपना काम करता गया एक-एक सीढ़ी करके मैं भी, ऊंचाइयां चढ़ता गया। #ठोकरों से सीख #jayakikalamse #yqhindishayari #yqhindiurdu #hkkhindipoetry