दूर उन पहाड़ों में ढूंढा करते थे जिंदगी को कभी हम, और अब तो आपकी उस मुस्कान में ही कहीं वो मिल सी जाती है..। शांत उन हवाओं में कुछ समेट ने के कोशिश में थे हम, और आज आपकी इन छोटी छोटी नादानियों में सब कुछ समेटा हुआ नजर आता है..। कलियों के खिलने की इंतज़ार में थे हम, और आज जैसे बस आपके होने से ही वो खिल सी जाती है..। आसमान में टिमटिमाती तारों को देखा करते थे हम, और आज हमारी किस्सों का गवाह बनने वो आधा सा चांद जैसे बस हम ही को देखा करता है..। खुशी खोजते हुए हर रोज आप ही के दरवाजे पर दस्तक दे जाते थे हम, और अब तो कुछ इस तरह थामा है आपने हाथ हमारा की गम से भी मु नहीं मोड़ा करते है...। Blessings are always in disguise🌘and so you are to me..