कुछ गम कुछ खुशी ,हम बाटते थे कुछ इस तरह हम अपना दिन काटते थे कभी pyarri बाते ,तो कभी कुछ मज़ाक ठीक इस तरह हम करते थे आपसे बात हमे आपकी class का इंतजार रहता था जिस दिन आप दोनो की period न होता वो दिन बेकार होता था मुझे आज भी याद है वो दिन जब Gulsahiba को bang करके मुझे chance दिया था मुझे याद है कि हमने आपको बहुत परेशान किया बुरा मत मानना इस बात का kyuki हम आपके ही bacche थे कभी आपका बेग छीन लेना आैर आपको शताने मे बडा़ म़जा आता था कुछ इस तरह school में वो period बित जाता था आज भी याद है वो दिन हमे जब आपने हमे एक किताब दी थी । बहुत सालो बाद इतनी inspirational किताब मैने फिर से पढ़ी थी For Madhav Bhaiya for class teacher