खुद ही कहते हो आतंकवाद का कोई धर्म नहीं जब खुद पर लेबल लगा तो बौखला जाते हो।। कहते जेल में क्यों डाला मार देते गोली खुद को दो डंडे पड़ी तो होश में आ जाते हो।। जनता जानती है शहीदों का सम्मान नही होगा फलस्वरूप तुम उनका अपमान करा जाते हो।। जो शहीद हुए वो थे अमरवीर माँ भारती के तुम अपनी करनी से माँ का शीश झुका जाते हो।। मुद्दे बहुत हैं जो देगा तुमको वाह वाही और ताली वीरो का अपमान कर तुम खुद गाली खा जाते हो।। बन्द करो ये रोना धोना जनता की तुम बात करो श्राप क्या होता है तू रामायण की याद दिला जाते हो। उस सतयुग और त्रेतायुग मे भगवान का वास था खुद को उस श्रेणी में ला अपना भद्द पिटवा जाते हो।। हिन्दू के घर जन्म लिया ये सौभाग्य की बात बता क्यूं करते को कर्म ऐसे की नीच कहला जाते हो।। #हिंदी