हाँ वो प्यारी हैं पर अजनबी इस दुनिया में मुझे खोज़ सिर्फ़ और सिर्फ़ ‘तुम्हारी’ हैं . हाँजी हाँ वो प्यारी हैं खूबसूरत सी उसकी बेमिसाल जवानी हैं पर मेरे सपनों की रानी ‘तू’ अभी कुँवारी हैं . हाँ भई हाँ वो प्यारी हैं झील सी नैनों में नूर सा पानी हैं पर मस्तानी सी ‘तुम’ तुम्हारी बात ही निराली हैं . हाँजी हाँ वो प्यारी हैं रूप से सुंदर मुस्कान से करे क़त्ल ऐसी अदाकारी हैं पर मेरी रूह को भाती सिर्फ़ ‘तेरे’ इश्क़ की वफ़ादारी हैं . हाँजी हाँ वो प्यारी हैं हिरण सी चाल मंज़िल भूली भटियारी हैं पर ख़ुदा ने लिखी मेरे संग ‘तेरी’ ही कहानी हैं . मान चुका मैं वो प्यारी हैं चाँद तारों सी चमकती डगर उजियारी हैं मगर पथ अग्निपथ सा ‘तुझ’ तक अहंकारी हैं हाँजी हाँ बेशक़ वो हैं बोह्त प्यारी लेकिन नहीं दी खुद को मैंने इश्क़ करने सी आज़ादी मेरी पहली मोहब्बत ‘तू’ तेरे आगे सारी जीत हैं हारी (१ साल बाद) हुआ करती थी वो प्यारी मेरी यारी, किताबों से मोहब्बत, उज्ज्वल भविष्य, थी बोह्त मारामारी इस बीच ले गया उसे संग अपने साला नौकर एक सरकारी ©lawsacerdos ©Lawsacerdos हाँ वो प्यारी हैं #simplicity #lawsacerdos