चाँद तारों के सहारे आओ दो बतिया करें काँधे तुम्हारा सहारा हो आओ वो रतिया करें बताओ उस चाँद को कि मेरा चाँद आज साथ है क्यों ना हम हर रात उसको यूँ जलाया करें मध्दम हवाएँ और उड़ती जुल्फें तुम्हारी कह दो तुम इन्हें यह हमें सताया ना करें ख़्वाहिश है कि यह रात अब कभी खत्म ना हो बस में नहीं होता वस्ल तो ऐ ख़ुदा दो दिलों को यूँ मिलाया ना करे ख़्वाब भला कब तलक पूरे होते हैं "अनाम" इस दिल से कहो कि ऐसे ख़्वाब दिखाया ना करे। #cinemagraph did you ever feel summer night and open roof shining of stars and moon. silence of night and noice of your thoughts. yes i do it 😊