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शांत रहो और साधले मन को , योग करके अटल कर प्रण को,

शांत रहो और साधले मन को ,
योग करके अटल कर प्रण को,
अहं मे तुच्छ ना कह तृण को,
युद्ध कर और जीत ले रण को,
पुष्पेन्द्र "पंकज"

©Pushpendra Pankaj
  मौन भी साधना है

मौन भी साधना है #कविता

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