सुनो, तुम मुझसे इज़हार करती क्यों नहीं यूँ टूटकर तुम मुझे प्यार करती क्यों नहीं, मैं जो हर पल खुद को बेकरार करता हूँ तुम भी खुद को बेकरार करती क्यों नहीं बना रहता हूँ मुंतज़िर इन आँखों का हरदम तुम्हारी आँखें मेरा इंतज़ार करती क्यों नहीं तुम्हारे चूमने से रूह को सुकून मिलता बहुत है ये सिलसिला तुम बार बार करती क्यों नहीं ©balshali #balshali #इश्क़ #रूह #मोहब्बत #इज़हार #प्यार