#OpenPoetry शीर्षक = "ए मेरी हँसी, ए मेरी जान" -ए मेरी हंसी ए मेरे विवेक, कुछ तो लिहाज किया कर… कोई मेरे आगे रोता है तो मै उसे हंसकर चुप कराता हूं, ए मेरी हंसी ए मेरे दिल, कुछ तो लिहाज किया कर। - वो कभी तंग आकर कहता है, तुम नहीं समझते,तुम कुछ नहीं जानते, तब ए मेरी ज़िन्दगी ए मेरी सबकुछ, कुछ सोचकर तो बोला कर। - अगर मै तेरे दुख पे रोने लगु, तो क्या तुझे चुप कराऊंगा, खुद रोने लगा तो, क्या तुझे समझाऊंगा....... फिर भी मेरी हंसी कुछ सोचकर हंसा कर, ए मेरे दिल,ए मेरी जान,ए मेरे हमदम, कुछ सोचकर तो बोलाकर। - Panditji #OpenPoetry #merihansi #sochkar #zindagi #ishq #mehboob follow me on instagram @panditji_ki_likhawat