बिछड़ कर यारो तुमसे समझदार बन बैठा हूं, ज़िन्दगी से बेच कर खुशियां, गमो का व्यापार बनबैठा हूं चलो चल कर स्कूल सभी खोले किताब अपनी अपनी, बेची जो किताबे थी रद्दी के भाव हमने ,उन्ही का सायद कर्जदार बन बैठा हूं कभी आओ यारो फिर से बिगाड़ो मुझे, समहल कर बहुत मतलबी यार बन बैठा हू ....pagal.... school friend #zindagi#apniyaari#pagal#rudra#raftaar#nojoto#poetry