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हीरे का किस्सा दो दोस्त थे, एक का नाम राम था, और

हीरे का किस्सा

दो दोस्त थे, एक का नाम राम था, और दूसरे का नाम विनय था, राम हमेशा मेहनत करके खाने में विश्वास रखता जबकि विनय हमेशा आलस में डूबा रहता, वो दोनों बहुत ही पक्के दोस्त थे,और वो दोनो ही आर्थिक तंगी के शिकार थे, एक दिन राम को रासते में एक चमकता हीरा मिला, विनय को जब ये पता चला तो उसने अपने दोसत के लिए खुश होने की बजाय उसने चाहा की उसे वो हीरा मिल जाए, उसने अपने दोसत राम से पूछा तुझे ये हीरा कहा मिला दोसत, राम ने बताया जब मैं घर पर आ रहा था, रासते में मिला तो विनय ये सुनकर उस रासते पर चला गया, और हीरा ढूंढने लगा, पर उसको वहा हीरा नहीं मिला, और जब वो हीरा ढूंढते थक गया तो वो अपने दोसत राम के पास आकर बोला मुझे तो वहा कोई हीरा नहीं मिला, सच-सच बता तुझे ये हीरा कैसे मिला, तो विनय की यह बात सुनकर राम समझ गया की विनय के मन में हीरे का लालच आ गया हैं, तो वह बोला दोसत मुझे ये हीरा उसी जगह रासते पर मिला था, पर मुझे इस हीरे की आवश्यकता नहीं है, तुम्ही इसे रख लो,तो विनय अपने दोसत की यह बात सुनकर सोच में पड गया की, आर्थिक तंगी से तो हम दोनों ही जूझ रहे हैं, फिर भी ये मुझे हीरा दे रहा हैं, इस बात से विनय खुश हुआ उसने राम से हीरा नहीं लिया और विनय राम से कहने लगा मेरे पास तो पहले ही एक हीरा हैं, मुझे ये हीरा नहीं चाहिए,अपने दोसत विनय की यह बात सुन वो हीरा किसी गरीब को दान कर दिया इस तरह से इन दोनो दोसतो की दोसती और गहरी हो गई, और विनय भी आलस छोडकर मेहनत कर कमाने लगा।


- kriti हीरे का किस्सा 

#दोसती #हीरा #अनमोल
#प्यार #रोचककहानी 
#उध्दरणउल्लेख #कविताप्रेमी
हीरे का किस्सा

दो दोस्त थे, एक का नाम राम था, और दूसरे का नाम विनय था, राम हमेशा मेहनत करके खाने में विश्वास रखता जबकि विनय हमेशा आलस में डूबा रहता, वो दोनों बहुत ही पक्के दोस्त थे,और वो दोनो ही आर्थिक तंगी के शिकार थे, एक दिन राम को रासते में एक चमकता हीरा मिला, विनय को जब ये पता चला तो उसने अपने दोसत के लिए खुश होने की बजाय उसने चाहा की उसे वो हीरा मिल जाए, उसने अपने दोसत राम से पूछा तुझे ये हीरा कहा मिला दोसत, राम ने बताया जब मैं घर पर आ रहा था, रासते में मिला तो विनय ये सुनकर उस रासते पर चला गया, और हीरा ढूंढने लगा, पर उसको वहा हीरा नहीं मिला, और जब वो हीरा ढूंढते थक गया तो वो अपने दोसत राम के पास आकर बोला मुझे तो वहा कोई हीरा नहीं मिला, सच-सच बता तुझे ये हीरा कैसे मिला, तो विनय की यह बात सुनकर राम समझ गया की विनय के मन में हीरे का लालच आ गया हैं, तो वह बोला दोसत मुझे ये हीरा उसी जगह रासते पर मिला था, पर मुझे इस हीरे की आवश्यकता नहीं है, तुम्ही इसे रख लो,तो विनय अपने दोसत की यह बात सुनकर सोच में पड गया की, आर्थिक तंगी से तो हम दोनों ही जूझ रहे हैं, फिर भी ये मुझे हीरा दे रहा हैं, इस बात से विनय खुश हुआ उसने राम से हीरा नहीं लिया और विनय राम से कहने लगा मेरे पास तो पहले ही एक हीरा हैं, मुझे ये हीरा नहीं चाहिए,अपने दोसत विनय की यह बात सुन वो हीरा किसी गरीब को दान कर दिया इस तरह से इन दोनो दोसतो की दोसती और गहरी हो गई, और विनय भी आलस छोडकर मेहनत कर कमाने लगा।


- kriti हीरे का किस्सा 

#दोसती #हीरा #अनमोल
#प्यार #रोचककहानी 
#उध्दरणउल्लेख #कविताप्रेमी
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