#घर................❤️ शाम होते ही परिंदे भी अपने घोसलो में लौट जाते है।। आसमा को ताकते हुए हम बेघर बड़े बेबस नजर आते है।। कुछ पल के लिए घर के ख्यालों में गुम हो जाते है।। काश हमारे भी पंख होते ये सोच कर दिल को बहलाते है।। फिर नम आंखों से वापस जिम्मेदारी में उलझ जाते है। ©Radha Chandel #घर….............❤️