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उस शख़्स के लिए खुदा से आस लगाए बैठे हैं हम हंसते

उस शख़्स के लिए खुदा से आस लगाए बैठे हैं
 हम हंसते ज़रूर हैं मगर रंज कितने दबाए बैठे हैं
 लेट लतीफ ही रही हमेशा अपनी खुशियों के मामले में
 दर्द से बेपरवाह हम अपने सीने में खंजर दबाए बैठे हैं।

©shreya upadhayaya #Hansti_aankhon_mei_aansu Yamini Thakur Noor Hindustanai SURAJ PAL SINGH rasmi vimlesh Gautam
उस शख़्स के लिए खुदा से आस लगाए बैठे हैं
 हम हंसते ज़रूर हैं मगर रंज कितने दबाए बैठे हैं
 लेट लतीफ ही रही हमेशा अपनी खुशियों के मामले में
 दर्द से बेपरवाह हम अपने सीने में खंजर दबाए बैठे हैं।

©shreya upadhayaya #Hansti_aankhon_mei_aansu Yamini Thakur Noor Hindustanai SURAJ PAL SINGH rasmi vimlesh Gautam