पास हो कर भी नहीं मिट सकी जो दूरिया दूर हो कर कुछ एहसासों में समितने लगी थी शिकायते करना छोड़ दिया सब से क्योंकि वक्त के साथ साथ खामोसिया भी अच्छी लगाने लगी ©Sheetal Vishwakarma j #जबलपुर