कातिल होती है कुछ मौसम की अदाएं, कैसे करोगे उसे गिरफ्तार लेकिन ? पिंजरे पे हसती है यह मुजरिम हवाएं, आफताब तलाशती है बादलों में,निगाहें, कहीं बरसों का सूखा,कहीं तो शहर डूबा, बडे मनमौजी मिजाज़ की है काली घटाएं..।। #naturalcalamity #naturaldisaster #stormywinds #yqbaba #yqdidi #wind #hindi #hindipoetry