मिली वो तन्हाई जिसकी थी मैं परछाई ।।। बिन गुन्हा के सजा सुनाई न जाने क्यू हमें दर्द और गम से मिलाई ।।। ए दिल दिलग्गी के ना जाने किस मोड़ पे ले आई।।।। एक सास में सौ सौ मौत से मिलाई।।।। #मिली तन्हाई