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#TheatreDay *📝“सुविचार"*📝 🖊️*“27/3/2021”*🖋️ �

#TheatreDay *📝“सुविचार"*📝 
🖊️*“27/3/2021”*🖋️
📘✨ *“शनिवार”*✨📙

“मनुष्य” जब “जन्म” लेता है 
तो उसके साथ जन्म लेती है 
“जीवा” (जीभ) कुछ वर्षो पश्चात “दांत” आने लगते है किंतु “वृद्धावस्था” में “दांत” साथ छोड़कर चले जाते है किंतु “जीवा” फिर भी साथ देती है क्यो ?
“दांत” “कठोर” होते है वहीं 
जीवा “कोमल” व “लचीली” होती है,
तो “जीवन” में आप भी “जीवा” की भांति 
“लचीले” बन जाइए,
“कठोर” होने पर “टुटने बिखरने” की “संभावना” रहती है इसलिए “जीवन” में “समस्या” या “दुःख” हो
उसका सामना “कोमलता” के साथ किजिए...
✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙*

©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📝 
🖊️*“27/3/2021”*🖋️
📘✨ *“शनिवार”*✨📙

#“मनुष्य” 

#“जन्म”
#TheatreDay *📝“सुविचार"*📝 
🖊️*“27/3/2021”*🖋️
📘✨ *“शनिवार”*✨📙

“मनुष्य” जब “जन्म” लेता है 
तो उसके साथ जन्म लेती है 
“जीवा” (जीभ) कुछ वर्षो पश्चात “दांत” आने लगते है किंतु “वृद्धावस्था” में “दांत” साथ छोड़कर चले जाते है किंतु “जीवा” फिर भी साथ देती है क्यो ?
“दांत” “कठोर” होते है वहीं 
जीवा “कोमल” व “लचीली” होती है,
तो “जीवन” में आप भी “जीवा” की भांति 
“लचीले” बन जाइए,
“कठोर” होने पर “टुटने बिखरने” की “संभावना” रहती है इसलिए “जीवन” में “समस्या” या “दुःख” हो
उसका सामना “कोमलता” के साथ किजिए...
✨ *अतुल शर्मा🖋️📝📙*

©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📝 
🖊️*“27/3/2021”*🖋️
📘✨ *“शनिवार”*✨📙

#“मनुष्य” 

#“जन्म”
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Atul Sharma

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