जिनको माना था खुदा अब हो गए हमसे जुदा खता ना थी कोई, फिर भी दिल को तोड़ा हैं ग़मों के समंदर मे मुझको अकेला छोड़ा हैं मेरे नैना बरसते है की जैसे सावन बरसता हैं भीड़ में अकेला सा लगता है की उसने जिंदगी को जाने किस मोड़ पे छोड़ा हैं खता ना थी कोई मेरी फिर भी दिल को तोड़ा हैं झूठी थी कसमे झूठे थे वादे फिर भी ना समझे तेरे इरादे आधे मर चुके है बचे हैं अभी आधे नाता मेरा उसने ग़मों से जोड़ा हैं खता ना थी कोई, फिर भी मेरे दिल को तोड़ा हैं ग़मों के समंदर में अकेला छोड़ा हैं #sadmomentsofheratbeats#nojotohindipoem