जब हो मुफीद तेरे हाथो तो उसमे हिचक कैसी।। जब तू दे सके नवाजिश किसी को तो उसमे फर्क कैसी।। अगर तू बन सके नूरी किसी के अंधियारे का तो उसमे विलंब कैसी।। जब तू कुछ सीख ले सके किसी से अच्छा सा तो उसमे जीझक कैसी।। #harshita #homufid