तेरी अहमियत तो मेरी ज़िंदगी में, मेरी ज़िंदगी से भी ज्यादा है.. पर वो मोहब्बत जो तू चाहती है वो कहां से लाऊं.. मेरा छुटपन सड़क पर ठिठुरते हुए और बचपना मुफलसी में गुजरा है ये जो डॉक्टर का चक्कर लगा है मुझको ये यादें है उन दिनों की ही जो अब मिटाए भी मिटने को न तैयार हैं.. #अहमियत_रिश्तों_की #YourQuoteAndMine Collaborating with $ƦłJλŁ GUP₸λ