कौन कहता है जिंदगानी सिर्फ दो दिन की है इन बेजुबानों से पूछो जिनकी सिर्फ नौ दिन की थी कल से फिर इनका कत्ल-ए-आम शुरू होगा पता नही कितनो की थाली में में ये पक कर पेश होगा कहीं तंदूरी, तो कहीं कोरमा कुछ खायेंगे कबाब तो कुछ खायेंगे स्वरमा इन बेजुबानों का तो सिर्फ इतना सा कसूर था इनके मांस का स्वाद लजीज और मशहूर था ©Sajan #pain_of_chickens