तुम नूर हो हूर हो ऐसा लगता है तुम चांद से टूटे हुए टुकड़े का चूर हो सादगी चेहरे से झलकती है शीतलता शरीर से टपकती है क्या क्या कहूं तुम क्या हो बस इतना समझ लो चांद से ना तुम कम हो ना चांद तुमसे ज्यादा ये कमी शायद तुम्हे समझ आए चांद न आबाद है न बेदाग है पर तुम हो बस तुम ही तो हो 💞❤💞 #नूर #हूर #चांद #सादगी #शीतलता #टपकती #आबाद #बेदाग YourQuote Didi Vaibhav Dev Singh