आज भी स्मृत है वो तेरी मेरी बातें , जिनका ठिकाना मेरा हृदयमन है, बारम्बार हर्षित करती है वो बातें, बढ़ती जाती मेरी हृदयस्पन्दन है प्रिय वो बातें बस याद बन गई है, ठिकाना न कोई लग गई मानो घुँन है, विचलित करती है अंतरात्मा को, कोई असर नही हो गई वो सुन्न है। Challenge -22... #collabwithप्रेमलेखन #प्रेमलेखन #तेरी_मेरी_बातें_ 👔- सभी लेखक अपनी रचना 8 लाईन में लिखे । 👔- इस प्रतियोगिता में शब्दों की कोई सीमा नहीं हैं । 👔- कृपया सभी लाईने पूरी लिखे । 👔- सभी लेखक ज्यादा से ज्यादा कोलब करें । 👔- इस प्रतियोगिता का विजेता कल सुबह 9 बजे टेस्टीमोनियल के माध्यम से घोषित किया जायेगा ।