यह कशमकश कैसी और यह तल्ख़ियां कैसी भुलाए सारे रंज लो आज मुस्कुरा कर चले तूने उंगली जो उठाकर मुझ पर एहसान किया तेरे नापाक इरादों को ले अब भाप चले तुमने तो कर दिए ताजा पुराने घाव सभी लो आज धावो पे मरहम को पाश करके चले मेरी राहों पर बिछाए थे जो कांटे तुमने ले राहगीरों के लिए इनको साफ करके चलें #ΔհΜεD_ɌαZα_ΘυʀΞៜΗι #चले(Part-1) #MiyA