इज़्तिराब-ए-दिल को इश्क़-ए-अता कर दें, निस्बत-ए-वफा अदा कर दिल फ़तह कर लें। प्रिय लेखक/लेखिका, [Collab challange (29) में आपका स्वागत है] 🎀 इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 🎀 इस शीर्षक पर मात्र 2 पंक्तियों में ही अपनीं रचना पूर्ण करने का प्रयास करें | 🎀 मात्राओं की त्रुटि पर विशेष ध्यान दें |