संगेमरमर सा तरासा ये बदन, खूबसूरत सा कोई कमल लगते हो। क्या लिखूँ तुम्हारी तारीफ में मैं, तुम प्यारी सी कोई ग़ज़ल लगते हो। मेरे ख़यालों की मलिका हो तुम, सपनों सा सुंदर कोई महल लगते हो। क्या लिखूँ तुम्हारी तारीफ में मैं, तुम प्यारी सी कोई ग़ज़ल लगते हो। सुकूँ मिलता है तेरी बाँहों में आकर, काली घटाओं का बादल लगते हो। क्या लिखूँ तुम्हारी तारीफ में मैं, तुम प्यारी सी कोई ग़ज़ल लगते हो। मीठी सी तेरी ये बोली सनम, दिल जीतने में भी सफल लगते हो। क्या लिखूँ तुम्हारी तारीफ में मैं, तुम प्यारी सी कोई ग़ज़ल लगते हो। ♥️ Challenge-633 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।