बेरूखी कितनी है जो खतम ही नहीं होती मैं लाख कोशिश करने पर भी ये कम नहीं होती। मुश्किलें बहुत है तुम पर पता है मुझे परेशानी मेरी भी तो कम नहीं होती । अपना समझो तो दर्द मेरा भी समझ आए बेरूखी से मुश्किलें हल नहीं होती। चेहरा पढ़ने का हुनर तो नहीं है तेरे पास समझना है गर तो ऑखों की हरकतें भी कम नहीं होती। किरन तिवारी ©Kiran Tiwari #बेरूखी_कितनी