गिद्ध गिद्धों की रानी ने अपनी प्रेमी गिद्ध से कहा अब तो आदमी से डर लगता है, ये सर पर कफ़न और जेबों में बम रखता है। इससे शान्ति की कामना है व्यर्थ ये समझता है अतांकवाद का अर्थ मुस्कानों पर बंदूक की विजय होने लगा है भय यदि इसी तरह से छीन झपटी हुई पृथ्वी गोल से चपटी हुई तो हम घूमने कहां मनाएंगे गिद्ध बोला प्रिए, अभी अभी तो हमारे भाग्य जगे है, हर तरफ लाशों के अंबार लगे हैं, यदि "आतंकवाद" मीट गया "सांप्रदायिक" दंगे रुक गए युद्ध पर "पाबंदियां" लग गई तो क्या हम खुदकुशी करेंगे लोग मौत से मरते है हम जीवन से मरेंगे आज का मनुष्य.... ना तो "तपस्वी" है ना "साधक" है ना " सिद्ध" आदमी के भीतर भी एक है "गिद्ध" जो हम सबको अंगूठा दिखा रहा है। आदमी अपने आप को खा रहा है। आदमी अपने आप को खा रहा है। #NojotoQuote people