Nojoto: Largest Storytelling Platform

कौन कहता है कि बातों से हि प्यार होता है, किसी-किस

कौन कहता है कि बातों से हि प्यार होता है,
किसी-किसी से आंखों ही आंखों में इजहार होता है।।1।।

कुछ रिश्तो को नहीं चाहिए अलंकार,
उन रिश्तों का आधार होता है केवल प्यार।।2।‌

उस दिन मेरी आंखों में ललवाहट थी,
शायद वो उसकी आंखों की चमकाहट थी।।3।।

मैं आंखों ही आंखों में उसे अपना मान चुका था,
उसको पाना है,मेरा दिल भी यह ठान चुका था।।4।।

उस भरे हुए भवन में मेरी आंखे सिर्फ उसी को ढूंढ रही थी,
शायद उस ओर भी यही मंजर था, वो भी हल्के हल्के अपनी आंखें मूंद रही थी।।5।‌।

उसके प्रेम रूपी संगीत से मेरा हदय गूंज रहा था,
मैं आंखों की गहराई में थी उसे ही ढूंढ रहा था।।6।। #अनदेखा प्रेम #भाग -3#आंखो की कसमकस
कौन कहता है कि बातों से हि प्यार होता है,
किसी-किसी से आंखों ही आंखों में इजहार होता है।।1।।

कुछ रिश्तो को नहीं चाहिए अलंकार,
उन रिश्तों का आधार होता है केवल प्यार।।2।‌

उस दिन मेरी आंखों में ललवाहट थी,
शायद वो उसकी आंखों की चमकाहट थी।।3।।

मैं आंखों ही आंखों में उसे अपना मान चुका था,
उसको पाना है,मेरा दिल भी यह ठान चुका था।।4।।

उस भरे हुए भवन में मेरी आंखे सिर्फ उसी को ढूंढ रही थी,
शायद उस ओर भी यही मंजर था, वो भी हल्के हल्के अपनी आंखें मूंद रही थी।।5।‌।

उसके प्रेम रूपी संगीत से मेरा हदय गूंज रहा था,
मैं आंखों की गहराई में थी उसे ही ढूंढ रहा था।।6।। #अनदेखा प्रेम #भाग -3#आंखो की कसमकस